प्रेमानंद महाराज जी का जीवन परिचय :
जय बाला जी आज इस आर्टिकल में हम सब एक ऐसे ही महान व्यक्ति के जीबन परिचय जानने जा रहे हैं. आपने उनका नाम लगातार सोशल मीडिया के जरिए सुना होगा, और यूट्यूब के जरिए उनके प्रेम वचन भी सुने होंगे. इसलिए हमने इस लेख के माध्यम से प्रेमानंद महाराज जी का जीवन परिचय देने का प्रयास किया .
प्रेमानंद जी महाराज आयु :
बहुत सारे लोगों का यह सवाल होता है की प्रेमानंद महाराज जी की उम्र कितनी है? जो की उनके जन्मतिथि के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन महाराज के कहने के अनुसार, उनकी उम्र लगभग 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है.
प्रेमानंद महाराज जी के आश्रम का पता वृंदावन ;
प्रेमानंद महाराज जी का आश्रम वृन्दावन स्थित है. जहाँ कोई भी जाकर उनके प्रिय वचन सुन सकता है, और उनसे मिल सकता है और इन महापुरुष के दर्शन भी पा सकता है.
प्रेमानंद महाराज जी पता:
श्री हित राधा केली कुंज
वृन्दावन परिक्रमा मार्ग, वराह घाट,
भक्तिवेदांत धर्मशाला के सामने,
वृन्दावन-281121
उत्तर प्रदेश ।।।।
श्री प्रेमानंद महाराज जी का कहना है ।
कि मानव जीवन सत्य के मार्ग पर चलने वाला है। आप दूसरों की मदद करें, अपने माता-पिता की सेवा करें, जरूरतमंद लोगों की मदद करें और बीमार लोगों की देखभाल भी करें। उनका कहना है कि यही जीवन है। और उनका कहना है अगर आप अपने बच्चे को ये सीख देते हैं, तो उसमें दयालुता और सहानुभूति का भाव विकसित जरूर होगा।
प्रेमानंद महाराज जी किडनी का रोग ।
35 साल की उम्र में ही प्रेमानंद महाराज जी को पेट में दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगी. और फिर एक बार वह बीमारी का इलाज कराने के लिए रामकृष्ण मिशन अस्पताल भी गए थे . डॉक्टरों के द्वारा किए गए परीक्षणों के बाद पता चला कि प्रेमानंद महाराज जी की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और पूरी तरह से फेल भी हो चुकी हैं और उनकी जिंदगी लगभग 4-5 साल ही बचे हैं.
जबकि उस भविष्यवाणी के बाद भी 17 साल बीत गए, पर आज भी महाराज जी जीवित हैं और कुशल है. उन्हें सप्ताह में तीन बार डायलिसिस उपचार भी कराना पड़ता है. महाराज जी के आश्रम में उनके लिए स्वास्थ्य की सारी व्यवस्थाएँ की गई हैं.
प्रेमानंद महाराज जी के वचन हैं ।
कि अगर आप अपने क्रोध को शांत करना चाहते हैं । दूसरों की तरफ बिल्कुल मुस्कुराते हुए बात करें इससे आप दूसरों से अपेक्षाएं करने का कम कर देंगे और आपको गुस्सा कम आएगा और आप भावनात्मक रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे ।
पवित्र स्थानों को दूषित करना ।
श्री प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि कई बार लोग बिना स्नान किए मंदिरो या अन्य कोई देव संबंधित काम कर लेते हैं। और इसके अलावा किसी मंदिर, पीपल या कोई अन्य पवित्र पेड़-पौधे के नीचे शौच या लघु शंका कर लेते हैं, तो इससे आयु नष्ट हो जाती है। तो कभी भी इस प्रकार के कार्य मंदिरों एवं पवित्र स्थान पर नहीं करना चाहिए।