जगत नगर के विकास कार्यों की धीमी गति: एक प्रकार से चिंता का विषय बन गई हैं।
जगत नगर, जो कभी विकास की रफ्तार और योजनाबद्ध निर्माण के लिए जाना जाता था, आजकल कार्यों की धीमी गति के कारण यह के ग्राम बासियों का काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह सड़क निर्माण हो, जल निकासी की व्यवस्था हो या फिर सार्वजनिक भवनों का निर्माण – अधिकांश परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं। इससे न केवल जगत नगर की सुंदरता और सुविधा प्रभावित हो रही है, बल्कि नागरिकों के बीच असंतोष भी बढ़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई योजनाएं वर्षों पहले शुरू हुई थीं, लेकिन आज तक पूरी नहीं हुई तथा काम अधूरा पड़ा हुआ हैं। बारिश के मौसम में अधूरी सड़कें और जल निकासी की समस्या गंभीर रूप ले लेती है। काम की धीमी रफ्तार का कारण कभी बजट की कमी बताया जाता है, तो कभी ठेकेदारों की लापरवाही।
नगर परिषद या संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से भी अपेक्षित निगरानी और जवाब दे नहीं दिखती। इससे यह आभास होता है कि विकास कार्यों को लेकर गंभीरता की कमी है। कुछ स्थानों पर तो कार्य शुरू ही नहीं हो पाए हैं, जबकि फंड पहले ही स्वीकृत हो चुका है।
इस स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव आम लोगों की रोजमर की ज़िंदगी पर पड़ रहा है। गड्ढों से भरी सड़कों, अधूरे पार्कों और निर्माणाधीन भवनों ने लोगों की असुविधा बढ़ा दी है। इसके साथ ही व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर देखने को भी मिल रहा है।
उपलब्धता।
जगत नगर को फिर से विकास की पटरी पर लाने के लिए बहुत ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। समयबद्ध कार्य, जवाबदेह प्रशासन और पारदर्शिता ही नगर को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है सभी ग्राम वासियों का निवेदन है।